बिन सावन बरसात नहीं होती, सूरज डूबे बिन रात नहीं होती, अब ऐसी आदत हो गई है की, आपको विश किये बिन किसी, त्यौहार की शुरुवात नहीं होती |
मीठी बोली, मीठी जुबान, मकरसंक्रांति, का है ये ही, पैगाम |
हो आपके जीवन में, खुशियाली कभी भी, न रहे कोई दुख देने, वाली पहेली सदा, खुश रहें आप और, आपकी Family, Happy Makar, Sankranti |
ये साल की मकर संक्रांत, आपके लिए तिल-गुल जैसी मीठी, और पतंग जैसी ऊँची, उड़ान लाये हैप्पी संक्रांति |
इस वर्ष की मकर संक्रांति, आपके लिए हो तिल लड्डू जैसी मीठी, मिले कामयाबी पतंग जैसी ऊंची, इसी कामना के साथ हैपी मकर संक्राति |
खुले आसमां में जमीं से बात ना करो, जी लो ज़िंदगी खुशी का आस न करो, हर त्योहार में कम से कम हमे न भूला करो, फोन से ना सही मैसेज से ही, संक्राति विश किया करो |
उड़ी वो पतंग और खिल गया दिल, गुड़ की मिठास में देखो मिल गया तिल, चलो आज उमंग-उल्लास में खो जाएं हम लोग, सजाएं थाली और लगाएं अपने भगवान को भोग, हैप्पी मकर संक्रांति |
बंदे हैं हम देश के हम, पर किसका ज़ोर, मकर संक्रांति में उड़े, पतंगें चारों ओर, अपना मांझा खुद, सूतने आज हम, चले छत की ओर, हैप्पी मकर सक्रांति |
मकर संक्रांति के दिन, आपके जीवन में, अंधेरा छंट जाए और, ज्ञान और प्रकाश से, आपका जीवन, उज्जवल हो जाए |
मुंगफली की खुशबू और गुड़ की मिठास, दिलों में खुशी और अपनों का प्यार, मुबारक हो आपको, ये त्योहार |
मंदिर की घंटी आरती की थाल, नदी के किनारे सुरज की लाल, जिंदगी में आये खुशियों की बहार, मुबारक हो आपको पतंगों का त्योहार |
बासमती चावल हों और उड़द की दाल घी की महकती खुशबू हो और आम का अचार दहीबड़े की सुगंध के साथ हो अपनों का प्यार मुबारक हो आप सभी को खिचड़ी का ये भीना त्योहार...
सजने लगी है आरती की थाली... मंदिर में बजने लगी हैं घंटियां और सजने लगी हैं आरती की थाली सूर्य की रोशन किरणों के साथ अब तो सुनाई देती है एक ही बोली। मकर संक्रांति की शुभकामनाएं...
इस संक्रांति में हमें, काम, क्रोध, लोभ, मोह एवं अहंकार जैसे पतंगों को भी काटने चाहिए…
कागज अपनी किस्मत से उड़ती है, और पतंग अपनी काबिलियत से… इसलिए किसमत साथ दे या ना दे… पर काबिलियत हमेशा साथ देती… काबिल बनो… कामयाबी झक मारके पीछे दौड़ेगी…
मिठी बोली, मिठी जुबान, इस त्योंहार का यही है पैगाम… Take Sweet, Talk Sweet; Be Sweet…
'पल पल सुनहरे फूल खिले, कभी ना हो कांटों का सामना, जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे, संक्रांति पर हमारी यही शुभकामना'
मिठे मिठे गुड़ में मिल गया TiL, उड़ी पतंग और खिल गया DiL… चलो उड़ाये पतंग सबलोग Mil…
'तन में मस्ती, मन में उमंग, चलो आकाश में डाले रंग, हो जाये सब संग-संग, उड़ाये पतंग !'
'तील हम है, और गुड़ हो आप, मिठाई हम है, और मिठास हो आप, इस साल के पहले त्योंहार से हो रही आज शुरुआत… आपको हमारी ओर से'